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साकेत : राम तुम्हारा वृत्त स्वयं ही काव्य है, कोई कवि बन जाय, सहज सम्भाव्य है / मैथिलीशरण गुप्त
- フォーマット:
- 図書
- タイトルのヨミ:
- Sāketa : Rāma tumhārā vr̥tta svayaṃ hī kāvya hai, koī kavi bana jāya, sahaja sambhāvya hai
- 言語:
- ヒンディー語
- 出版情報:
- चिरगाँव (झाँसी) : साहित्य सदन, 2014 [1956 or 1957]
- 形態:
- 501 p., [1] leaf of plates : port. ; 19 cm
- 著者名:
- Gupta, Maithili Sarana, 1886-1964 <DA09754893>
- 書誌ID:
- BA80097266
- 主題:
- Hindi poetry; 929.831
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साकेत प्रकाशन, सर्बाधिकारी प्रमुख वितरक, के॰ एल॰ मलिक ऐंड संस प्रा॰ लि॰ |
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